कुछ विचार - Premchand

कुछ विचार

By Premchand

  • Release Date: 2016-12-13
  • Genre: Language Arts & Disciplines

Description

कुछ विचार भाग-१ साहित्य और भाषा सम्बन्धी प्रेमचंद के भाषणों का संकलन है। प्रेमचंद कथाकार, उपन्यासकार के साथ-साथ साहित्य और समाज-चिन्तक भी थे। कई बार उनके चिंतन का पता कथा पात्रों के संवादों से होता है। समाज को लेकर उनकी दृष्टि बहुत पैनी और गहरी थी। वे सदैव एक सामंजस्य पूर्ण तथा शोषण मुक्त समाज के हिमायती थे। उनकी भाषा सम्बन्धी दृष्टि, रहन-सहन, खान-पान, बोली-बानी सभी स्तरों पर पात्रगत और संवादगत सामंजस्य दिखाई देता है। कुछ विचार शीर्षक किताब में जो भाषण संकलित है उन्हें पढ़ने से भी प्रेमचंद के विचारों का दर्पण स्पष्ट हो जाता है। इस शीर्षक के तहत साहित्य का उद्देश्य, कहानी-कला भाग १, २, ३, उपन्यास और उपन्यास का विषय, उर्दू, हिन्दी और हिन्दुस्तानी, राष्ट्र भाषा हिन्दी और उसकी समस्याएं तथा कौमी भाषा के विषय में कुछ विचार नामक भाषण-लेख संकलित है। साहित्य का उद्देश्य शीर्षक भाषण प्रेमचंद का अध्यक्षीय भाषण है जो उन्होंने प्रगतिशील लेखक संघ के लखनऊ अधिवेशन में बतौर अध्यक्ष दिया था। हिन्दी साहित्य के क्रमागत विकास की दिशा-दृष्टि को समझने के लिये यह भाषण बहुत ही उपयोगी तथा पठनीय है। ऐसे ही उस समय में शुरू हुई भाषा सम्बन्धी बहस का आधार क्या है तथा स्वरूप कैसा हो इसके लिये हिन्दी-उर्दू, राष्ट्र-भाषा, और कौमी भाषा शीर्षक लेखा देखने योग्य है। इस प्रकार कुछ विचार शीर्षक किताब एक महत्वपूर्ण और उपयोगी किताब है।