अग्नि समाधि तथा अन्य कहानियाँ प्रेमचंद की कहानियों का संग्रह है। इस संग्रह के तहत अग्नि समाधि के अतिरिक्त माँगे की घड़ी, सुजान भगत, पिसनहारी का कुआँ, सखियाँ, सुहाग का शव, आत्म-संगीत तथा ऐक्ट्रेस शीर्षक कहानियाँ हैं। इसमें कुछ कहानियाँ ठेठ ग्रामीण जीवन को आधार बना कर लिखी गई हैं और कुछ की पृष्ठभूमि नगरीय जीवन है। अग्नि समाधि और सुहाग का शव स्त्री अवदान या बलिदान की अद्भुत कहानी है। वहीँ आत्म-संगीत और ऐक्ट्रेस कहानी में प्रेम का वह स्तर उभर कर आया है जहाँ अनुभूति ही अपने सत्य-असत्य का न्याय करती है। ऐसे प्रेम को कई बार समाज में अँधा कहा जाता है, लेकिन यह प्रेम वस्तुतः बहुत उर्वर होता है चूँकि इसे हृदय की शीतलता सींचती है। सुजान भगत और पिसनहारी का कुआँ आत्म अभिलाषा और आत्म संतुष्टि की कहानी है। इस कहानी के पात्र शरीर में और शरीर के बाहर भी अपनी सदइच्छा को पूरा करने का साहस रखते हैं। प्रेमचंद मानव-स्वभाव के शिल्पी कथाकार थे। उन्होंने लोक और समाज के प्रत्येक कोने से चरित्र निकाले हैं। हिन्दी कहानी-कला को प्रेमचंद ने इस ढंग से संवारा है कि उनकी कहानियाँ हिन्दी पट्टी या उत्तर भारतीय समाज का आईना बन गईं। भारतीय ही नहीं विश्व का कोई भी इंसान अगर भारत को जानना समझना चाहता है तो वह प्रेमचंद की कहानियों के द्वारा बड़ी आसानी से जान समझ सकता है।