मानसरोवर - Premchand

मानसरोवर

By Premchand

  • Release Date: 2016-12-13
  • Genre: Short Stories

Description

मानसरोवर भाग-१ प्रेमचंद की कहानियों का संग्रह है। मानसरोवर शीर्षक से प्रेमचंद की सारी कहानियों को आठ भागों में संकलित किया गया है। इस भाग की ज्यादातर कहानियाँ ग्रामीण पृष्ठभूमि से उठाई गई है। वैसे भी प्रेमचंद ग्रामीण जीवन के कुशल चित्रकार रहे हैं। अलग्योझा, ईदगाह, ठाकुर का कुआँ, गुल्ली-डंडा, घासवाली, रसिक संपादक शीर्षक कहानियाँ तो काफी चर्चित और लोकप्रिय कहानियाँ हैं। इस संकलन के तहत जितनी भी कहानियाँ है उन सभी में कुछ-न-कुछ खासियत है। एक सामान्य विशेषता जो लगभग सभी कहानियों में मौजूद है वह है स्त्री चरित्र, स्वभाव, और गुणों की विशेषता। प्रेमचंद के स्त्री पात्र चाहे उनकी स्थिति अवस्था जैसी भी हो, दीन से दीन ही क्यों न हो अपने कर्तव्यबोध और अपनी जमीर को लेकर काफी सचेत रही हैं। यह प्रेमचंद के युगीन जातीय चेतना का द्योतक है। प्रेमचंद साहित्य में जातीय चेतना को उजागर करने वाले लेखक रहे हैं इसलिये अपनी लेखनी के साथ समाज के सबसे निचले स्तर तक जाते हैं। जीवन-जगत की मणि जरूरी नहीं कि किसी साफ-सुथरी सलीकेदार परिवार-समाज या जाति में ही मौजूद हो। वह उपेक्षित, वंचित, और हेय समझी जानेवाली जातियों और परिस्थितियों में भी मिल सकती है या मिलती है। यह दृष्टि प्रेमचंद की थी और इसी लेखकिये दायित्व से भरकर वे होरी, गोबर या धनिया, झुनिया जैसों के पास जाते हैं। उक्त शीर्षक में भी प्रेमचंद की यहीं कोशिश रही है कि कैसे वह मोती-मणि निकलकर समाज के सामने परोसा जाये। निश्चित तौर पर इस संग्रह की कहानियाँ उनकी लेखनी का प्रतिनिधित्व करती है।