घर और बाहर - रवीन्द्रनाथ टैगोर

घर और बाहर

By रवीन्द्रनाथ टैगोर

  • Release Date: 2017-08-22
  • Genre: Classics

Description

राष्ट्रगानकेरचयितारवीन्द्रनाथटैगोरराष्ट्रवादकेपारंपरिकढांचेकेलेखकनहींथे।वेवैश्विकसमानताऔरएकांतिकताकेपक्षधरथे।ब्रह्मसमाजीहोनेकेबावजूदउनकादर्शनएकअकेलेव्यक्तिकोसमर्पितरहा।चाहेउनकीज्यादातररचनाएंबांग्लामेंलिखीहुईहों,मगरउन्हेंइसआधारपरकिसीभाषिकचौखटेमेंबांधकरनहींदेखाजासकता।नहीप्रांतवादकीचुन्नटमेंकसाजानाचाहिए।वहएकऐसेलोककविथेजिनकाकेन्द्रीयतत्वअंतिमआदमीकीभावनाओंकापरिष्कारकरनाथा।वहमनुष्यमात्रकेस्पन्दनकेकविथे।एकऐसेकलाकारजिनकीरंगोंमेंशाश्वतप्रेमकीगहरीअनुभूतिहै,एकऐसानाटककारजिसकेरंगमंचपरसिर्फ‘ट्रेजडी’हीजिंदानहींहै,मनुष्यकीगहरीजिजीविषाभीहै।एकऐसाकथाकारजोअपनेआस-पाससेकथालोकचुनताहै,बुनताहै,सिर्फइसलिएनहींकिघनीभूतपीड़ाकेआवृत्तिकरेयाउसेहीअनावृत्तकरे,बल्किउसकथालोकमेंवहआदमीकेअंतिमगंतव्यकीतलाशभीकरताहै।वर्तमानकीगवेषणा,तर्कऔरस्थितियोंकेप्रतिरविन्द्रनाथसदैवसजगरहेहैं।इसीवजहसेवहमानतेरहेकिसिर्फआर्थिकउपलब्धियोंऔरजैविकजरूरतेंमनुष्यकोठीकस्पंदननहींदेते।मौलिकसुविधाओंकेबादमनुष्यकोचाहिएकिवहसोचेकिइसकेबादक्याहै।उत्पादन,उत्पादऔरउपभोगकीनिस्संगताकेबादभी‘कुछहैजोपहुंचकेपारहै’।यहीकारणहैकिरवीन्द्रक्षैतिजीआकांक्षाकेलेखकहै।