चार अध्याय - रवीन्द्रनाथ टैगोर

चार अध्याय

By रवीन्द्रनाथ टैगोर

  • Release Date: 2016-12-13
  • Genre: Literary Fiction

Description

चार अध्याय रवीन्द्रनाथ टैगोर की क्रांतिकारी चेतना से संपन्न कथा पुस्तक है। सामाजिक बदलाव और सुधार के साथ बंगाल में क्रांतिकारी गतिविधियाँ अपने-अपने ढंग से चलाई जा रही थीं। इसके तहत कई लोग समूह बना कर अंगेजों की मुखबिरी करते थे और कई लोग क्रांतिकारियों की। कई बार इन गुप्तचरों की पहचान मुश्किल हो जाती कि ये सही में किसके लिये काम कर रहे हैं। ऐसे में घात–प्रतिघात ज्यादा बढ़ जाता। एक तरफ अंग्रेज सरकार की चापलूसी थी दूसरी तरफ अपने वतन के लिए कुछ कर गुजरने का संकल्प। ईमानदारी और धोखेबाजी के इस लेनदेन में स्त्रियों की भूमिका को भी लेखक ने उजागर किया है। बंगाल में सामाजिक चेतना के स्तर पर महिलाओं की उपस्थिति अग्रणी थी। रवीन्द्रनाथ टैगोर इसे कथा का विषय बना सके, यह उनकी बड़ी उपलब्धि थी। ऐसा, बतौर कथा नायिका इस पूरी कथा यात्रा में अपने को देश के लिए आहत करना, अपना राष्ट्रीय धर्म मानती है। इस त्यागी और दृढ़ निश्चयी स्त्री चरित्र के माध्यम से लेखक ने सम्पूर्ण भारतीय स्त्री जाति को रेखांकित किया है और उनके गौरव को प्रतिष्ठित किया है। वह दौर तमाम चुनौतियों का दौर था। जिसमें व्यक्ति के ऊपर समाज और उससे भी ऊपर राष्ट्र चिंता थी। नि:संदेह चार अध्याय स्वाधीनता आन्दोलन की क्रांतिकारी चेतना की महत्वपूर्ण कथा पुस्तक है।