दृष्टिदान - रवीन्द्रनाथ टैगोर

दृष्टिदान

By रवीन्द्रनाथ टैगोर

  • Release Date: 2016-08-19
  • Genre: Short Stories

Description

दृष्टिदान रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित कहानी संग्रह है। इसमें क्रमशः दृष्टिदान, मल्यदान, मेघ और धूप तथा रात में शीर्षक कहानियां हैं। रवीन्द्र बाबू बंगला साहित्य के ही नहीं अपितु विश्व साहित्य के एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। उनके कथा का शिल्प इतना प्राणवान होता है कि साहित्य का प्रारंभिक पाठक भी उनके साहित्य सागर में अपने को डुबाने का लोभ संवारन नहीं कर पाता। और जो एक बार डूब जाता है वह बार-बार वही गोते लगाता रहता है। भारतीय समाज में पति-पत्नी का संबंध जितना अप्रतिम और अनूठा होता है उतना ही स्वामी-दासी का भाव भी मिलता है। इसकी सबसे महत्वपूर्ण वजह वे धार्मिक पुस्तकें हैं जिसके आख्यानों में विष्णु-लक्ष्मी, कृष्ण-राधा मौजूद हैं। स्त्री प्राणपण से अपने निर्धारित गृहस्थी की रक्षा करती है और पुरुष बल-वीर्य से संसाधन जुटाता है। एक तरह से यही भारतीय गृहस्थ-समाज की तस्वीर है। चूँकि पुरुष स्वामी है अत: अपने स्वामित्व की रक्षा के लिये कई बार बेवजह स्त्री पर कठोर शासन करता है। उसकी कठोरता में संबंधों की अनुभूति या एहसास दब जाते हैं या मर जाते हैं। उसके शासन का भाव इतना प्रबल हो जाता है कि स्त्री की कोमलता का स्पर्श उस तक पहुँच ही नहीं पाता और फिर दोनों का जो अप्रतिम बंधन होता है उसकी गांठ ढीली पड़ने लगती है और जब इस सत्य का एहसास होता है तब दोनों बहुत दूर चले गये होते हैं। दृष्टिदान संग्रह में विश्व कवि ने इसी स्वभाव की पड़ताल की है।