'विचित्र प्रबन्ध' रबीन्द्रनाथ टैगोर के निबंधों का संकलन है। टैगोर विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबेल पुरस्कार विजेता हैं। विचित्र प्रबन्ध को टैगोर ने १९०७ में बांग्ला में लिखा। इसका हिंदी अनुवाद इस किताब में दिया गया है। टैगोर के निबंध और लेख आम तौर पर सामाजिक टिप्पणी के साथ होते हैं। इस संकलन में लाइब्रेरी, पागल, रंगमंच, बन्द घर, छोटा नागपुर, यूरोप की यात्रा, सौंदर्य का सम्बन्ध और अन्य विषयों के बारे में उल्लेख किया है। इनको पढ़ने से उनके लेखन की महानता पता चलती है। हालांकि ये निबंध सौ साल पुराने हैं फिर भी हम उन्हें आज के समाज से भी जोड़कर देख सकते हैं।