मास्टर साहब - रवीन्द्रनाथ टैगोर

मास्टर साहब

By रवीन्द्रनाथ टैगोर

  • Release Date: 2016-12-13
  • Genre: Short Stories

Description

मास्टर साहब रवीन्द्रनाथ टैगोर की कहानियों का संग्रह है। इसमें पांच कहानियां क्रमशः मास्टर साहब, कर्मफल, राजा का महल, मान भंजन, और तपस्विनी है। कहानियों का आधार बंगाली समाज-परिवेश है। रवीन्द्र बाबू अपने सूक्ष्म विश्लेष्ण के लिये जाने जाते हैं। फिर चाहे वह विश्लेष्ण समाज का हो, धार्मिक सुधार का हो, राजनैतिक और क्रांतिकारी संघर्ष चर्चाओं का हो, या पूरी प्रकृति का हो। प्रत्येक जगह विश्व कवि की दृष्टि गहरी, और व्यापक दिखाई देती है। रवीन्द्र बाबू के ज्यादातर पात्र भावप्रवण और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से सुलझे हुये लगते हैं। कथा के प्रारंभ में थोड़ा भटकाव या सामाजिक नासमझी का परिचय देते हैं, लेकिन धीरे-धीरे उनके स्वभाव में एक ठहराव, एक गंभीरता, एक समझदारी दिखाई देती है। एक तरह से यह क्रमशः की परिपक्वता मनुष्य जीवन की स्वाभाविक यात्रा भी है। मानव विकास का सिद्धांत और सभ्यता विकास का सिद्धांत भी यही कहता है कि विकास क्रमशः या उतरोत्तर होता है। रवीन्द्र बाबू की साहित्यिक दृष्टि भी इसी क्रमागत सिद्धांत की पूर्ति में लिखा गया है। बड़ा लेखक वही होता है जो अपनी अनुभूति को दुनिया की अनुभूति बना दे। उसके रचना की जमीन इतनी व्यापक हो की प्रत्येक वर्ग समूह उस पर खड़ा हो सके, उसके दिखाने का आईना इतना स्पष्ट हो की मानव-समाज अपना चेहरा देख सके। रवीन्द्र बाबू में वैसी ही सतर्क एवं दूर दृष्टि थी और इसी सतर्क दृष्टि का एक उदाहरण है उनकी मास्टर साहब शीर्षक किताब।